मानवीय

मानवीय

एक बार जब आपका मन,
पूर्ण रूप से स्थिर हो जाता,
है तब आपकी बुद्धि,
मानवीय सीमाओं को पार,
कर जाती है।

तिरंगा

तिरंगा

ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा,
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा,
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए,
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये।